Friday 14 August 2015

पुराने जमाने की बात छोड़ो, मुफ्त विज्ञापन हो गया।

पुराने जमाने की बात छोड़ो, मुफ्त विज्ञापन हो गया।
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मेरे कुछ मित्र मेरी राहों में कंटीले सूल बिछाते हैं।
नये-नये सगूफे छोड़कर मुझे डराते हैं, धमकाते हैं।
अच्छा है नयी पीढी के सारे लोगों को पता चल गया।
पुराने जमाने की बात छोड़ो, मुफ्त विज्ञापन हो गया।


कभी ऐसे—कभी वैसे हर दिन लोगों को बहकाते हैं।
हर दिन चुनौती पेश करते-करते खुद ही हार जाते हैं।
अच्छा है नयी पीढी के सारे लोगों को पता चल गया।
पुराने जमाने की बात छोड़ो, मुफ्त विज्ञापन हो गया।


कितने अच्छे हैं, मित्र हर दिन मेरा साहस बढाते हैं।
भला हो उनका जो होंसला बढाकर रास्ता दिखाते हैं।।
अच्छा है नयी पीढी के सारे लोगों को पता चल गया।
पुराने जमाने की बात छोड़ो, मुफ्त विज्ञापन हो गया।


आलोचना नहीं निन्दा में रात—दिन नये गीत गुनगुनाते हैं।
ना-समझ हैं बदनाम करके भी नाम मेरा ही आगे बढाते हैं।
अच्छा है नयी पीढी के सारे लोगों को पता चल गया।
पुराने जमाने की बात छोड़ो, मुफ्त विज्ञापन हो गया।


दु:ख है यही कि इतनी मेहनत अपने लिये करते तो—
बुजुर्ग मां-बाप के सहारे, बाबू या बड़े हाकिम बन जाते।
अच्छा है नयी पीढी के सारे लोगों को पता चल गया।
पुराने जमाने की बात छोड़ो, मुफ्त विज्ञापन हो गया।


>>>अतिरिक्त
उन्होंने जो किया उसका मुझे कुछ गम नहीं लेकिन,
अफसोस है यही क्यों वो अब मुझे अपना बताते हैं??

मैं इतना खुश क्यों रहता हूं, ये ही उनकी उलझन है।
ये दुनियां वाले क्या जाने, किनसे मेरी अनबन है???

हालात के पत्थर और इल्जाम सभी कुछ सह लेंगे।
असली डर तो उनको है जो शीशे का बदन रखते हैं।


दिलकश है, खूबसूरत है, दरिया-दिल भी है।
हैं बहुत खूबियां उसमें बस वफादारी नहीं है।

Wednesday 2 October 2013

जिन्दगी का सफ़र

बहुत मुश्किल होता है, जख्मों के साथ जिन्दगी का सफ़र!
चंद कांटे चुभते ही छोड़ जाते हैं, अधबीच में ही हमसफ़र!!
:- 02-10-2013   

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